











- Brand: Pravasi Prem Publishing India
- Language: Hindi
- Weight: 400.00g
- Dimensions: 188.00mm x 240.00mm x 7.00mm
- Page Count: 72
- ISBN: 978-8196971274
"भले ही आम के पेड़ से बहुत स्वादिष्ट फल मिलते हों , निश्चित ही चमेली के फूल सभी को भाते हों, लेकिन प्रकृति के लिए बबुल जैसा काँटेदार पेड़ भी जरूरी है ।” एक छोटी सी कहानी ‘नदी झूठ नहीं बोलती’ बहुत खूबसूरती से यह संदेश दे देती है कि इस धरती पर जो कुछ भी है , सभी कुछ काम का है। विविधता ही इस धरती की सुंदरता है । ऐसी ही प्रकृति को करीब से झाँकती, सभी को साथ ले आकर चलने का संदेश देती 12 कहानियों का यह गुलदस्ता , अपने बाल पाठकों को सूचना, मनोरंजन , संवेदना और भविष्य का रास्ता दिखाती हैं। ‘ छूटकु की उड़ान’ हो या फिर ‘पंखों वाला बीज’ दोनों कहानियाँ माँ के महत्व को बहुत मार्मिकता से महसूस करवाती हैं । हर कहानी खेत , किसान, पक्षी, पेड़ और इंसान जैसे विलुप्त हो रहे विषयों से पाठकों को गहराई से जोड़ती है ।
लेखिका श्रीमती गिरिजा कुलश्रेष्ठ शिक्षा-विभाग में 43 वर्ष तक अध्यापन के बाद सेवानिवृत्ति । तीन कहानी-संग्रह ,दो कविता व गीत संग्रह , एक खण्डकाव्य और एक लघुकथा संग्रह सहित सात पुस्तकें और बच्चों की कहानियों की चार पुस्तकें प्रकाशित । नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित "मोर पंख" का कई भाषाओं में अनुवाद । आर्य सम्मान, किताबघर, दिल्ली एवं चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट द्वारा कहानियाँ पुरस्कृत । बालकविता , बाल-कहानियों सहित कुछ संग्रह प्रकाशनाधीन .
मूल निवास ग्वालियर (मध्यप्रदेश)
ई-मेल-girija.kulshreshth@gmail.com
लेखक : गिरिजा कुलश्रेष्ठ
पृष्ठः72, मूल्यः 270,
ISBN : 978-8196971274
भाषा - हिंदी